___________एहसास______
मैं कविता नही एहसास लिख रहा हूँ,
आज तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रहा हूँ l
जब मैं तुमसे मिला, तुम अलग सी लगी,
हम रोज मिलने लगे, फिर दूर हो गए l
आज तुमसे मिलने की आस लिख रहा हूँ,
सच मे तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रहा हूँ ll
अजनबी से तुम पहचान बन गयी,
पहचान बढ़ते बढ़ते तुम जान बन गयी l
मेरी जान तुमको जीने की प्यास लिख रहा हूँ,
तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रहा हूँ ll
तेरे आने जाने से मैं यूँ शायर बना,
शब्द कागज पे कैसे बैठते पता ही नहीं चला l
अपने सीने मे दबी साँस लिख रहा हूँ,
सच में आज मैं तुम्हारे लिए खास लिख रहा हूँ ll
सुनील कुमार संधूरिया
Comments
Very nice
Apne mujhe kisi ki yaad dila di