अधूरे हम
अब औरों से क्या बात करे हम,
खुद में ही उलझे हुए हैं हम l
कुछ इस तरह उस फकीर नें जिंदगी की मिसाल दी,
मुठी में धूल ली और हवा में उछाल दी ll
सोचा नहीं था कि वह शख्स इतनी जल्दी छोड़
कर चला जाएगा,
जो मेरे उदास होने पर मुझसे कहता था मैं हूँ ना ll
अब इस तरह हारेंगे कि तुम जीतकर पछताओगे,
बहुत खास हो तुम जिक्र बार बार जतायेंगे नहीं ll
अगर समझ पाते तुम मेरी मोहब्बत को,
तो हम तुमसे नहीं, तुम हमसे मोहब्बत करते ll
कल भी थे आज भी हैं, और कल भी ,
रहेंगे तुम्हारे बिना अधूरे हमlll
सुनील कुमार संधूरिया
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