सब अच्छा हैं



हलात् अच्छे हों या बूरे फर्ज से मुकरा नही करते

टूट कर पेड़ से फल कभी दुबारा जुड़ा नहीं करते! 

और यहाँ जिंदगी जीनी हैं तो वकोफ् जिओ, 

एहसानो तले जिंदगी जिया नहीं करते!! 


        तुम सच में सच्चे हों तो सच पर अड़े रहो, 

        वेबजहा झूठी दलिले दिया नहीं करते! 

        और मुनाफा हों खरीददार वहाँ रुका करते हैं

        बाजारों में दुकानदार फिरा नहीं करते!!! 


शहर की छोड़ो गांव का मोहोल भी अलग हैं

आजकल एक छत के नीचे दो भाई रुका नहीं करते!!


        मेरे ख्याल में सब अच्छा हैं, और जो ना देखा

        बही सच्चा हैं, 

       और यहाँ हर शख़्स की फितरत हैं बदलना जो

       ना बदला वही बच्चा हैं!!!! 


सियासत में सियासी जो चाहें वो करता हैं, 

पकड़ा गया तो झूठ बरना सब सच्चा हैं!!! 


        आराम हराम हैं कहना बड़ा सरल हैं, 

         मजदूर बन कर जनों तो अच्छा हैं!!! 


अमीर बनना हैं तो हाथ के सच्चे रहो, 

सच में आज का इमान बहुत कच्चा हैं!!! 

 

                   सुनील कुमार संधूरिया


Comments

Anonymous said…
Beautiful😍 lines
Anonymous said…
Good writing✍️ beautiful😍 amazing👍 lines
Anonymous said…
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Anonymous said…
Bilkul sahi kha esa he hota h ajkal ke jamane me
Sahil singh said…
Absolutely beautiful😍✨❤ and it's almost right on today's time
Anonymous said…
Absolutely right said brother

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