मैंने बदलते देखें है

मैंने बदलते देखे हैं दिन बदलते रात ,
बदलते हालात देखे है मैंने बदलते अपनो के साथ देखें है ।
 मैंने बदलते अपने यार देखें है, 
  मैंने बदलते अपने हर बार देखें है ।।

मैंने बदलते लॉगो के लिहाज देखें है
 मैंने बदलते लोगों के रिबाज् देखें है ।। 
 मैंने बदलते लॉगो के लेहजे देखें है 
 मैंने बदलते आप से तू तक देखें है ।। 

मैंने बदलते यार से दुश्मन होते देखें है
 मैंने बदलते दुश्मन से यार होते देखें हैं ।
 मैंने बदलते वो प्यार मोहब्ब्त देखें है 
मैंने बदलते उनके तौर तरीके देखें है 
 मैंने बदलते उनके हर् सलीके देखें है । । 

मैंने बदलते जिनसे प्यार था कभी 
वो आज ब्लॉक लिस्ट में देखें हैं
 मैंने बदलते जिनसे कभी वो नफ़रत करते थे
 वहीं उनकी following लिस्ट में देखें है । 

मैंने बदलते उनके वादे देखें है 
मैंने बदलते उनके इरादे देखें हैं । 
मैंने बदलते हर शख्स को देखा है
 हर मतलब के लिए हर बार बदलते देखा है ।। 

 मैंने बदलते देखें हैं दिन ,बदलते रात ,बदलते हालत देखें है
 मैंने बदलते हर जज्बात देखें है ।। 

                                           सुनील कुमार संधुरिया

Comments

Anonymous said…
I apperitiate with your talent nice poems
Anonymous said…
❤️❤️🌹🖤
Unknown said…
❤️❤️❤️❤️❤️

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